चार खतरनाक सफेद मौत maut ho sakti hai tumri safet maut

चार खतरनाक सफेद मौत

रिफाइंड तेल व डालडा

तेल को रिफाईन बनाने के लिए जहरीले के मिकल्स का प्रयोग किया जाता है। फलस्वरुप तेल के सारे महत्वपूर्ण घटक नष्ट हो जाते हैं। तेल के माध्यम से जो कुछ पौष्टिकता हमें मिलनी चाहिए वह हमें नहीं मिल पाती ऐसे तेल के प्रयोग से घातक बीमारियां, जैसे- BP, हृदयघात, पैरालाइसिस, ब्रेन हेमरेज, पार्किन्सन, अर्थराइटिस आदि का जन्म होता है। डालडा को पचाने के लिए शरीर का तापमान 108F होना चाहिए, जो संभव नहीं है। अतः सरसों तेल, मूंगफली तेल, नारियल का तेल, या तिल का तेल अपने क्षेत्रों के अनुसार खाएं और स्वास्थ तथा रोगमुक्त रहें।

सफेद नमक 


आयोडाइज्ड नमक में 98% सोडियम क्लोराइड पाया
जाता है जिससे शरीर विजातीय पदार्थ के रूप में रखता है, जो शरीर में घुलता नहीं हैं। फलस्वरुप नपुंसकता, जोड़ों का दर्द, गठिया, थायराइड, बी.पी. आदि रोग होते हैं। सेंधा नमक में 94 जबकि सफेद नमक में 4 पोषक तत्व होते हैं। सेंधा नमक खाने से शरीर की बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है।
प्रमार्ण कांति 

चीनी

चीनी, यानी मीठा जहर। यह शरीर में अम्ल पैदा करती है, जो भोजन को पचाने में रुकावट डालता है और डायबिटीज की ओर ले जाता है। चीनी में किसी भी प्रकार का प्रोटीन विटामिन या सूक्ष्म पोषक तत्व नहीं होता है, उसमें केवल मीठापन होता है जो शरीर के किसी
में नहीं आता। इसलिए चीनी की जगह गुड़, काकवी, मिश्री या खांड 

मैदा

यह आंतों में चिपकता है, कफ के संतुलन को बिगाड़ता है और
कब्ज पैदा करता हैं। कब्ज सभी बीमारियों की जननी है। समोसा, क आदि कभी न खाएं और न खिलाएँ।

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